झारखंड में स्वास्थ्य विभाग का AUDIO कांड: “यहां पहले दो विकेट गिर चुका है…60 परसेंट साब का, 40 मेरा है” पारा मेडिकल स्टूडेंट से घूस मांगते सिविल सर्जन ऑफिस के क्लर्क का AUDIO वायरल
झारखंड का स्वास्थ्य विभाग घूसखोरी के लिए वैसे तो पहले से ही बदनाम है। अब एक नये “ऑडियो घूसकांड” ने स्वास्थ्य विभाग में सनसनी मचा दी है। पूरा मामला झारखंड के धनबाद का है, जहां पारा मेडिकल स्टूडेंट से एक्सपीरियेंस सर्टिफिकेट के नाम पर पैसे की जमकर उगाही की गयी। घूसखोरी की पूरी बातचीत का करीब एक घंटे से ज्यादा वक्त का AUDIO सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
सिविल सर्जन आफिस में पैसों का खेला
बताया जा है कि पारा मेडिकल स्टाफ को अलग-अलग अस्पतालों में एक साल के अनुबंध पर काम करना था, जिसके एवज में विभाग की तरफ से अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। ताकि वो अन्य जगहों पर उस अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर अप्लाई कर सकें। पारा मेडिकल छात्रों को अनुभव प्रमाण पत्र धनबाद सिविल सर्जन कार्यालय से दिया जाना था।
आरोप है कि सिविल सर्जन आफिस के बड़ा बाबू ने प्रमाण पत्र के नाम पर बड़ा खेला कर दिया। करीब 41 छात्रों ने एक साल तक अनुबंध पर काम किया था, जिसके एवज में सभी को अनुभव प्रमाण पत्र दिया जाना था, लेकिन खबर मिली है कि बड़ा बाबू ने 41 छात्रों के लिए 41 हजार की डिमांड कर दी।
पारा मेडिकल स्टूडेंट्स से पैसों की डिमांड
मतलब प्रत्येक छात्र 1000-1000 रुपया। लिपिक ने साफ कह दिया कि जब तक पैसा नहीं दिया जायेगा, तब तक प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। मजबूरी में छात्रों ने 1000-1000 रुपये इकट्ठा किया और 28 छात्रों के लिए 28000 रुपये बड़ा बाबू को दे दिया। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब छात्रों ने लिपिक का एक ऑडियो रिकॉर्डिंग सार्वजनिक हो गया।
1 घंटे का ऑडियो हो गया वायरल
यह रिकॉर्डिंग करीब 1 घंटा 8 मिनट और 30 सेकंड लंबी है, जिसमें लिपिक छात्रों से सिविल सर्जन के नाम पर प्रति छात्र 1,000 रुपए की मांग करता सुनाई दे रहा है। छात्रों के मुताबिक, 41 में से 28 छात्रों का पैसा एक छात्र ने इकट्ठा कर लिपिक को दिया था, जिसके बाद उनके प्रमाण पत्र जारी किए गए। छात्रों का कहना है कि उन्होंने कुल 28,000 रुपए लिपिक को दिए थे।
लिपिक ने अपने ही अफसरों पर लगाये गंभीर आरोप
ऑडियो रिकॉर्डिंग में लिपिक यह कहता सुना गया कि सिविल सर्जन से प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करवाने के लिए पैसे देने पड़ते हैं और इसमें 60% हिस्सा सिविल सर्जन का और 40% उसका खुद का होता है। वह यह भी धमकी देता है कि अगर छात्र पैसे नहीं देंगे, तो प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाएंगे।
इतना ही नहीं, ऑडियो में लिपिक धनबाद डीसी, आरडीडी, दो पूर्व सिविल सर्जन, कोषागार अधिकारी व अन्य कर्मचारियों पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाता है। वह स्पष्ट रूप से कहता है कि यहां “दो विकेट गिर चुके हैं” और इस तुलना के जरिये खुद को कम भ्रष्ट साबित करने की कोशिश करता है। लिपिक ये कहने की कोशिश करता है कि पूरा सिस्टम ही भ्रष्ट है और बिना पैसे दिये कुछ काम नहीं होता है। वो बार-बार ऑडियो में पैसे देने के लिए दवाब बनाता सुनाई पड़ रहा है।
सिविल सर्जन ने कही ये बात
छात्रों के अनुसार, पैसे का यह पूरा लेन-देन एनसीडी बिल्डिंग स्थित पीसी एड पीएनडीटी कार्यालय में हुआ, जो एकांत क्षेत्र में स्थित है। यहीं लिपिक ने छात्रों को बुलाकर राशि की मांग की। इस मामले में जब सिविल सर्जन से मीडिया ने बात की, उन्होंने इस प्रकरण से अनभिज्ञता जतायी। हालांकि उन्होंन जांच कर कार्रवाई करने की बात जरूर कही है।

